Tuesday, 15 March 2022

आसान बनाओ

क्यू हे जिंदगी में इतनी मुश्किलें,
क्या ये आसान नही हो सकती...
सीधा सीधा सा जीना हे जीवन,
फिर क्यू जिंदगी आसान नही लगती

Saturday, 16 October 2021

असत्य पर सत्य की जीत

*असत्य पर सत्य की जीत*
*सदा ही होती हे,*
*असत्य कितना भी बलवान क्यों ना हो*
*जीत सदा सत्य की होती हे,*
*असत्य जो बोलता हे* 
*वो होता हेपहले बहुत खुश*
*फिर जीवन भर रोता हे,*
*सत्य जो बोलता हे*
*वो होता हे पहले दुखी*
*फिर जीवन भर खुश रहता हे,*
*सत्यता जीवन की वो पूंजी हे*
*जो जन्म जन्मांतर साथ होती हे,*
*बहुत ही साहस चाहिए होता हे*
*सत्य की राह पर चलने के लिए*
*सत्यता की राह पर चलना*
*बहुत ही कठिन होता हे,*
*क्यूंकि सत्य बोलने वाले को*
*सदा अकेला ही चलना होता हे,*
*सत्य कड़वा होता हे*
*इसलिए अपनो को दूर कर देता हे*
*असत्यता जीवन को कमजोर करती हे*
*सत्यता जीवन में साहस लाती हे,*
*असत्य बोल कर डर डर के रहने से* 
*अच्छा तो सत्य बोल कर निडर रहो...*
*सत्य बोलने वाले को लोग*
*मुंहफट, मुजोर ना जाने क्या क्या बोलते हे,*
*क्यूंकि लोगो को सत्य सुनना चुभता हे,*
*वो सिर्फ जो वो सोचते हे* 
*सिर्फ वो ही सुनना चाहते हे*
*क्यूंकि वो लोग सदा असत्याता पर चलते हे*
*इसलिए वो सत्य सुन नहीं पाते,*
*और बाद मे पछताते हे*
*क्यूंकि असत्य पर सत्य की सदा जीत होती हे*

Monday, 11 October 2021

सरल व्यक्ति

*जो सरल है, वह मन को भाता है..*
*जिस व्यक्ति का स्वभाव सरल  होता है,*
*वह बाहर-भीतर एक-जैसा ही होता है..*
*ना ही वह किसी भी प्रकार की बनावट,* 
*ना छल-कपट और ना ही वह*
 *कुटिलता से किसी से व्यवहार करता है...*
*स्पष्टवादी, सच्चा और भोलापन,*
*पहचान हे सरल व्यक्ति की,*
*सरलता एक महान गुण है,*
*जो व्यक्ति जितना सरल होता है*
*उतना ही  वो अपने जीवन में*
*आने वाली हर परिस्थिति को सरलता* 
*व सहजता से पार कर लेता है,*
*सरल स्वभाव एक सरल रेखा की तरह* 
*सीधा मार्ग होता है जिसमें कोई घुमाव,* 
*छिपाव या जटिलता नहीं होती*
*वो हर बात को सकारात्मक*
*दृष्टिकोण से देखता है,*
*उसका नजरिया कल्याणकारी होता है ,*
*वो शुद्ध भाव से अपने चिंतन के*
*अनुसार आचरण करता है ।*

Friday, 8 October 2021

नवरात्रि

*स्थापना तेरी करते मां ,*
*हर्ष और उल्लास से..*
*तेरी पूजा हर दिन करते,*
*बड़े ही प्यार से...*
*एक शारदीय दूसरी चैत्र,*
*और दो होती है गुप्त नवरात्रि..*
*सालभर में चार बार आती हो मां,*
*करके शेर की सवारी..*

*पर्वतराज हिमालय के घर*
*जन्मी माता शैलपुत्री,*
*नवरात्रि के प्रथम दिवस पर*
*पूजी जाती शैलपुत्री माता..*

*बड़ी हुई माता शैलपुत्री ,*
*हजारो वर्षों तक कठिन तपस्या की...*
*कठोर तपस्या करने पर नाम पड़ा*
*माता ब्रह्मचारिणी,*
*नवरात्रि के दूसरे दिवस पर*
*पूजी जाती है ब्रह्मचारिणी माता...*

*असुरों का नाश करने*
*रूप लिया मां चंद्रघंटा का,*
*नवरात्री के तीसरे दिन पर*
*पूजी जाती चंद्रघंटा माता ..*

*जब सृष्टि नहीं थी*
*चारों ओर अंधकार था,*
*अपने तेज से दसों दिशाओं*
*को प्रकाश दिया..*
*नवरात्रि के चौथे दिन पर*
*पूजी जाती कुष्मांडा माता..*

*तारकासुर का वध करने जन्म हुआ*
*स्कंद कुमार कार्तिकेय का,*
*तब नाम पड़ा स्कंदमाता..*
*नवरात्रि के पांचवे दिन पर*
*पूजी जाती स्कंदमाता..*

*महर्षि कात्यायन ने जगदम्बा को*
*पुत्री के रूप में पाने के लिए,*
*हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या की..*
*फिर जन्म हुआ जगदंबा का*
*नाम पड़ा कात्यायनी माता..*
*नवरात्रि के छठे दिन पर*
*पूजी जाती कात्यायनी माता..*

*चंड—मुंड ,रक्तबीज राक्षसों का संहार करने,*
*रूप लिया कालरात्रि माता का..*
*नवरात्रि के सातवें दिन पर,*
*पूजी जाती कालरात्रि माता..*

*कन्या पूजन का विशेष महत्व,*
*होता नवरात्रि की अष्टमी को..*
*हर मनोकामना पूरी करती,*
*जय बोलो माता महागौरी को..*

*सभी प्रकार की सिद्धि* 
*प्रदान करती सिद्धिदात्री माता,*
*नवरात्रि के नौवें दिन पर*
*पूजी जाति सिद्धिदात्री माता..*

*आओ सब जन मिलकर जयकारा लगाए शेरावाली का*
 *बोलो सांचे दरबार की जय* 🙏🙏

Monday, 19 July 2021

कागज

कलम बीना कागज अधूरा है
कागज बीना इंसान अधूरा है,
अध्ययन को करवाता कागज
परिणाम भी बताता कागज,
ग्रंथ ज्ञान दिलवाता कागज
इतिहास भी सुनाता कागज,
दुनिया भर की खबरें बताता कागज
लेखा-जोखा भी लिखवाता कागज,
दो लोगों को एक करवाता कागज
पति पत्नी को भी अलग करवाता कागज,
भाइयों मैं झगड़े करवाता कागज
आपसी प्रेम को भी बढ़ाता कागज,
मन के दुख सुख को छुपाता कागज
अनसुनी कहानियां भी सुनाता कागज,
एक देश से दूसरे देश घुमाता कागज
हमारी पहचान भी बताता  कागज,
जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र हे कागज
यमलोक में  कर्म भी सुनाता कागज,
कलम बीना कागज अधूरा है
कागज बीना इंसान अधूरा है,

Wednesday, 2 June 2021

मां तुम बहुत याद आती हो🥺

साथ ना होकर भी साथ हो मां,
पास ना होकर भी पास हो मां ।
जब भी कदम डगमगाते  मां,
किसी ना किसी रूप में राह दिखाती हो मां ।
जब जब खुद को पाया अकेला मां,
तूने तेरे होने का एहसास हमेशा दिलाया मां ।
साथ ना होकर साथ हो मां ,
पास ना होकर पास हो मां ।

Sunday, 22 March 2020

आज धरती माँ भी आराम कर रहीं होंगी..

आज धरती माँ भी आशीर्वाद देरहिं होंगी ...
अरसों बाद आज वो भी आराम कर रहीं होंगी !
नहीं होता कभी बंद दिन-रात वाहनों का आना जाना..
बंद है पहियों की रगड़ ,धरती माँ भी आज आराम कर रहीं होंगी !
नहीं होता कभी बंद दिन रात धरती का खुदना...
बंद है खुदन की कम्पन, धरती माँ भी आज आराम कर रहीं
होंगी!


आसान बनाओ

क्यू हे जिंदगी में इतनी मुश्किलें, क्या ये आसान नही हो सकती... सीधा सीधा सा जीना हे जीवन, फिर क्यू जिंदगी आसान नही लगती