*स्थापना तेरी करते मां ,*
*हर्ष और उल्लास से..*
*तेरी पूजा हर दिन करते,*
*बड़े ही प्यार से...*
*एक शारदीय दूसरी चैत्र,*
*और दो होती है गुप्त नवरात्रि..*
*सालभर में चार बार आती हो मां,*
*करके शेर की सवारी..*
*पर्वतराज हिमालय के घर*
*जन्मी माता शैलपुत्री,*
*नवरात्रि के प्रथम दिवस पर*
*पूजी जाती शैलपुत्री माता..*
*बड़ी हुई माता शैलपुत्री ,*
*हजारो वर्षों तक कठिन तपस्या की...*
*कठोर तपस्या करने पर नाम पड़ा*
*माता ब्रह्मचारिणी,*
*नवरात्रि के दूसरे दिवस पर*
*पूजी जाती है ब्रह्मचारिणी माता...*
*असुरों का नाश करने*
*रूप लिया मां चंद्रघंटा का,*
*नवरात्री के तीसरे दिन पर*
*पूजी जाती चंद्रघंटा माता ..*
*जब सृष्टि नहीं थी*
*चारों ओर अंधकार था,*
*अपने तेज से दसों दिशाओं*
*को प्रकाश दिया..*
*नवरात्रि के चौथे दिन पर*
*पूजी जाती कुष्मांडा माता..*
*तारकासुर का वध करने जन्म हुआ*
*स्कंद कुमार कार्तिकेय का,*
*तब नाम पड़ा स्कंदमाता..*
*नवरात्रि के पांचवे दिन पर*
*पूजी जाती स्कंदमाता..*
*महर्षि कात्यायन ने जगदम्बा को*
*पुत्री के रूप में पाने के लिए,*
*हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या की..*
*फिर जन्म हुआ जगदंबा का*
*नाम पड़ा कात्यायनी माता..*
*नवरात्रि के छठे दिन पर*
*पूजी जाती कात्यायनी माता..*
*चंड—मुंड ,रक्तबीज राक्षसों का संहार करने,*
*रूप लिया कालरात्रि माता का..*
*नवरात्रि के सातवें दिन पर,*
*पूजी जाती कालरात्रि माता..*
*कन्या पूजन का विशेष महत्व,*
*होता नवरात्रि की अष्टमी को..*
*हर मनोकामना पूरी करती,*
*जय बोलो माता महागौरी को..*
*सभी प्रकार की सिद्धि*
*प्रदान करती सिद्धिदात्री माता,*
*नवरात्रि के नौवें दिन पर*
*पूजी जाति सिद्धिदात्री माता..*
*आओ सब जन मिलकर जयकारा लगाए शेरावाली का*
*बोलो सांचे दरबार की जय* 🙏🙏
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