Thursday, 11 July 2019

सबके प्यारे दादाजी

सदा देखते है सब मे सिर्फ गुण...
भलेही साथ में क्यों ना हो सब के अवगुण..
स्वाद ना हों कभी  खाने में
फिर भी कह कर *बहुत बढ़िया* है स्वाद बढ़ाते खाने में...
प्रोत्साहित करते रहते हैं सदा करके फ़ोन...
दादाजी हे हमारे बहुत अनमोल....
सदा सकारात्मकता सब के लिए रखते है अपने मन में...
ये ही बात  बहुत अच्छी लगती है मुझे आपमें..
सदा ही अच्छा सोचते है आप
सबमे सदा ही अच्छी बात बाटते है..
कोई बात ना भी हो पसन्द किसी की आपको..
फिर भी उनकी ख़ुशी के संग आप भी खुश होजाते हैं...
समान भाव से सब पर प्यार आप हे लुटाते...
इसीलिए सब आपको बहुत ही चाहते...
हमारे जीवन के हे आप आदर्श व्यक्तित्त्व..
जिनके बिना नहीं है हमारा कोई अस्तित्व...
अथक प्रयास,प्रमाणिकता हैं आपका आभूषण..
समाज परिवार के लिए किया है सारा जीवन अर्पण...
आपका नहीं है कोई मोल..
क्योंकि आप हे सब के लिए अनमोल...

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क्यू हे जिंदगी में इतनी मुश्किलें, क्या ये आसान नही हो सकती... सीधा सीधा सा जीना हे जीवन, फिर क्यू जिंदगी आसान नही लगती