Tuesday, 5 December 2017

कोई करीब आरहा है.....

आज फिर कोई करीब आ रहा है,
ये दिल बहुत घबरा रहा है।
नहीं जानते थे हम की इतनी खुशियां है मेरे दामन में,
पर कोई मुझे वो खुशियां वापस लौटा रहा है।
आज वो दिन बहुत याद आ रहा है जब हम तन्हा थे,
पर आज वो तन्हाई दूर कर कोइ करीब आ रहा है।
रोया करते थे हम तन्हाइयों में, पर कोई आकर मेरे लबों पर मुस्कान ला रहा है।
डरते है हम की कई फिर से हमारी तकदीर हमसे रुसवा ना हो जाए,
मंजिल पर पहुंचने से पहले रास्ते ना खो जाए,
क्या है अच्छाई और क्या है बुराई ये हम नहीं जानते,
जानते हैं तो बस इतना कि हम उन्हें अपना मानते है।
फिर भी एक डर मुझे सता रहा है,
क्युकी आज फिर कोई करीब आ रहा है।
अब छोड़ के दुनिया चले भी जाए तो कोई गम नहीं होगा,
इतनी खुशियां जो कोई हमें देता जा रहा है।

19 comments:

आसान बनाओ

क्यू हे जिंदगी में इतनी मुश्किलें, क्या ये आसान नही हो सकती... सीधा सीधा सा जीना हे जीवन, फिर क्यू जिंदगी आसान नही लगती