वक़्त अपनी रफतार से चल रहा है,
हम वहीं रह गए...
ज़िन्दगी में सब आगे निकल गए,
हम वहीं रह गए...
इसका दोष हम किसी दे,
जब हम ही दोषी बन गए...
एक रास्ता था मेरा,
अब कई मोड़ है बन गए..
सबको आगे किया हमने,
सब हमे ही पीछे छोड़ गए..
इसका दोष हम किसे दे,
जब हम ही दोषी बन गए...
सब का साथ दिया हमने,
पर हम अकेले रह गए...
मतलब कि इस दुनिया में,
हम यू हीं रह गए...
इसका दोष हम किसे दे,
जब हम ही दोषी बन गए...
क्या करना चाहते थे हम,
और क्या आज हम कर गए...
इतनी हसीन दुनिया में हम,
गुम सुम से हो गए...
इसका दोष हम किसे दे,
जब हम ही दोषी बन गए...
Wednesday, 20 February 2019
हम ही दोशी बन गए
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आसान बनाओ
क्यू हे जिंदगी में इतनी मुश्किलें, क्या ये आसान नही हो सकती... सीधा सीधा सा जीना हे जीवन, फिर क्यू जिंदगी आसान नही लगती
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*असत्य पर सत्य की जीत* *सदा ही होती हे,* *असत्य कितना भी बलवान क्यों ना हो* *जीत सदा सत्य की होती हे,* *असत्य जो बोलता हे* *वो होता हेपहले ...
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क्यू हे जिंदगी में इतनी मुश्किलें, क्या ये आसान नही हो सकती... सीधा सीधा सा जीना हे जीवन, फिर क्यू जिंदगी आसान नही लगती
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*जो सरल है, वह मन को भाता है..* *जिस व्यक्ति का स्वभाव सरल होता है,* *वह बाहर-भीतर एक-जैसा ही होता है..* *ना ही वह किसी भी प्रकार की बनावट,...
👍👍
ReplyDelete😊❤️
DeleteAwesome lines doll...Keep it up
ReplyDeleteThank you ❤️
DeleteKya bat h... keep up👍
ReplyDeleteThank you ❤️
DeleteShayar ban gai tu to doll.....
ReplyDeleteThank you ❤️
DeleteKyaaa baat kya baat
ReplyDeleteThank you ❤️
DeleteAag laga Di!!
ReplyDeleteThank you ❤️
DeleteBahut khub....
ReplyDeleteThank you ❤️
DeleteWoww... Great work... :-)
ReplyDeleteThank you ❤️
DeleteBeautiful line well said keep going
ReplyDeleteThank you ❤️
DeleteRiya hidden treasure of talent !!
ReplyDeleteThank you ❤️
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