Friday, 22 February 2019

अपने ही धोखा दे जाते.....

अजनबियों को क्यों हम अपना बनाते,
वहीं हमे  हमेशा रुलाते...
ना जाने क्यों हम समझ नहीं पाते,
और अपनों को धोखा देजाते...
क्यों हम हर बार उम्मीद लगाते,
जब वो हमारी उम्मीद तोड़ जाते...
क्यों हम ऐसे रिश्ते बनाते,
जिसे हम निभा नहीं पाते...
क्यों झूठे सपने दिखाते,
जिसे टूटा देख फिर दिल घबराते..
एक पल भी चैन न पाते,
दिन - रात बस रोते जाते..
क्यों हम किसी के इतने करीब जाते,
जो अपनों से हमें दूर लेजाते...
क्यों हम उन्हें दिल में बसाते,
जो हमे कभी समझ नहीं पाते...
क्यों हम उनका साथ निभाते,
जो अपनों से ही हमे झूठ बोलना सिखाते..
क्यों किसी पर इतना विश्वास कर जाते,
जो हमारी अच्छाई को बुराई की और लेजाते...
क्यों हम ऐसे इंसान को "चाहते"..
जो हमे हमारे अपनों  से लड़वाते...
क्यों हम किसी के इतने गुलाम होजाते,
जो हमसे "अपनों" को नजरअंदाज करवाते...
ना जाने क्यों हम समझ नहीं पाते,
और अपनों को धोखा देज़ाते...

7 comments:

आसान बनाओ

क्यू हे जिंदगी में इतनी मुश्किलें, क्या ये आसान नही हो सकती... सीधा सीधा सा जीना हे जीवन, फिर क्यू जिंदगी आसान नही लगती